Saturday, 20 June 2020

Bhakti Yoga : योग दिन।


 गीता अनुसार असली योग भक्ति योग है। 

पूर्ण सतगुरु सन्त रामपाल जी महाराज जी ने वास्तविक योग भक्ति योग बताया है जिससे हर प्रकार की बीमारियां समाप्त होती हैं। तथा पुरनमोक्ष मिलता है। योग करने से शरीर स्वस्थ हो सकता है लेकिन मुक्ति नहीं होती। मुक्ति तो सच्चे मंत्रों के जाप करने से ही होगी, शास्त्रों के अनुसार भक्ति करने से होगी।
हठ योग करने के लिए गीता जी मे भी मना है इसलिए एक स्थान पर बैठकर साधना करने से भक्ति सफल नहीं हो सकती
संत रामपाल जी महाराज जी ने सहज भक्ति योग के बारे में सर्व शास्त्रों से प्रमाणित करके बताया है कि मनुष्य को पूर्ण लाभ केवल भक्ति योग से होगा।



🧘🏻‍♂️ गीता अध्याय 6 लोग 16 में गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि यह योग ना तो बहुत अधिक खाने वाले का सिद्ध होता है और नहीं बिल्कुल न खाने वाले का।अर्थात नियम कर्तव्य कर्म करते हुए पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति करना ही असली योग है।
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भक्ति योग क्यों ज़रूरी है?

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग ज़रूरी है।
लेकिन
आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए भक्ति योग (सतभक्ति) ज़रूरी है।
भक्तियोग से होने वाले लाभ :

●शारीरिक , मानसिक और आर्थिक लाभ
● पाप कर्मों से मुक्ति।
●जीवन में सुख, शांति व खुशियों में वृद्धि।
●मोक्ष की प्राप्ति। आदि।

सत्य भक्तियोग विधि जानें पूर्ण संत Saint Rampal Ji Maharaj से।

🧘🏻‍♂️गीता अध्याय 2 श्लोक 64, 65 में कहा गया है कि शास्त्रविधि अनुसार पूर्ण परमात्मा की साधना करने वाला साधक, संसार में रहकर काम करता हुआ, परिवार पोषण करता हुआ भी सत्य साधना से सुखदाई मोक्ष को प्राप्त होता है।



🧘🏻‍♂️गीता अध्याय 2 श्लोक 48 में कहा गया है कि आसक्ति को त्यागकर जय तथा पराजय में सम बुद्धि होकर योग यानि सत्य साधना में लगकर भक्ति कर्म कर। गीता जी में योग का अर्थ भक्ति कर्म करना बताया गया है।
गीता अध्याय 17 श्लोक 5 ,6 में शास्त्र विधि को त्याग कर , घोर तप को तपते हैं। उनको राक्षस बताया है गीता ज्ञान दाता ने।
💥🌹 सैकड़ों योगिक गुरू अपनी अपनी योगिक क्रियाओं को उत्तम बताते हैं। परंतु मनुष्य को योगिक क्रियाओं की नहीं भक्ति योग की अति आवश्यकता है। जिससे  आत्मिक उन्नति व मोक्ष का द्वार खुलेगा।
गीता अध्याय 3 श्लोक 5 से 8 में प्रमाण है कि जो एक स्थान पर बैठकर हठ योग करके इन्द्रियों को रोककर साधना करते हैं वे पाखण्डी हैं।
संतों की वाणी है
डिंब करें डूंगर चढ़े, अंतर झीनी झूल।
जग जाने बंदगी करें, ये बोवैं सूल बबूल।।



जो रोग योग करने से ठीक नही होते है वे रोग पूर्ण गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के द्वारा बताई गई सतभक्ति से ठीक हो जाते है ।

भक्तियोग श्रेष्ठ क्यों माना गया है?

उत्तर - क्योंकि इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बिना डॉक्टरी ईलाज के ही अपने आपको ठीक किया जा सकता है।

Saint Rampal Ji Maharaj से नाम दीक्षित लाखों अनुयायी इसकी गवाह है।
हमें मनुष्य जन्म बहुत ही भाग से मिला है तो हमें पूर्ण गुरु से उपदेश लेकर के भक्ति योग करना चाहिए ।

वास्तविक योग भक्ति योग है जिसे शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।
अधिक जानकारी के लिए देखे साधना टीवी पर 7:30 से 8:30 PM तक संत रामपाल जी महाराज जी के अमृत वचन।

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