यदी शिव लिंग पुजने से भगवान का लाभ लेना चाहते हो तो खागड के लिंग की पूजा करो जिससे गाय को गर्भ होता है। उससे अमृत दुध मिलता है । आपको पता है खागड के लिंग से कितना लाभ मिलता है । फिर भी लोग उसकी पूजा नहीं करते हैं। फिर भी उसकी पूजा नहीं करते हैं क्योंकि यह बेशर्म का कार्य है।
सूक्ष्म वेद में लिखा है :-
धरे शिवलिंगा बहू विधि रंगा,
गाल बजावे गले।
जे लिंग पूजे शिव साहिब मिले ,
तो पूजा क्यों ना खैले।
शिवलिंग पूजा अंधश्रद्धा भक्ति है ।
शिवलिंग के चारों ओर स्त्री इंद्री का चित्र होता है जिसमें शिवलिंग प्रविष्टि दिखाई देता है यह पूजा काल ब्रह्मा ने प्रचालित करके मानव समाज को दिशाहीन कर दिया वेदो तथा गीता के विपरीत साधना बता दी।
अविनाशी परमात्मा कौन ?
श्री देवी पुराण सचित्र मोटा टाइप केवल हिंदी गीता प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित के तीसरे स्कंद पृष्ट 123 पर श्री विष्णु जी स्वय कह रहे हैं कि हमारा जन्म मरण होता है अविनाश नहीं है।
और हमारे वेद गीता पुराण आदि सद ग्रंथों में ओम नमः शिवाय मंत्र का कोई भी प्रमाण नहीं है तो हमें इस मंत्र से कैसे लाभ मिल सकता है।
गीता अध्याय 17 के श्लोक 23 में कहां है ओम तत्सत इस मंत्र से ही पूर्ण मोक्ष मिल सकता है और संपूर्ण लाभ मिल सकता है तत और सत सांकेतिक है।
इसे केवल तत्वदर्शी संत ही बता सकता है जिस तरह गीता अध्याय 15 के श्लोक में चार में कहा है अर्जुन तु संपूर्ण अध्यात्म ज्ञान तत्वदर्शी संत के पास जाकर समझ वही तुझे संपूर्ण जानकारी देगा और पूर्ण परमात्मा सेे मिलाएगा।
नकली धर्मगुरुओं ने हमें गीता वेद पुराण से विपरीत साधना बताकर हमें भ्रमित कर दिया जिससे परमात्मा से मिलने वाला लाभ हमें नहीं मिल रहा है और बहुत से लोग नास्तिक हो चुके हैं।
आज के समय में केवल संत रामपाल जी महाराज जी तत्वदर्शी संत जो वेद शास्त्रों पुराणों के आधार पर भक्ति बता रहे हैं संत रामपालजी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाएं।
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